गुआवा – सिर्फ़ फल नहीं, मौसम का जश्न है

बारिश के मौसम में उसका स्वाद और रंगों की लहर — वो वाकई दिल को छू जाता है।
"Guawa ना सिर्फ़ एक फल है, ये तो बारिश के मौसम की मुस्कुराहट है — हर बूँद के साथ घुलती मीठी खटास, और हर रंग में बसी ज़िंदगी की मिठास!"
जब आसमान से पहली बारिश की फुहारें गिरती हैं, मिट्टी की खुशबू दिल को छूती है — और तभी याद आता है Guawa का स्वाद। वो खट्टा-मीठा फल, जो बचपन की गलियों, भीगी हथेलियों और छत पर रखी नमक-मिर्च की डिब्बियों से जुड़ा है।
• Guawa सिर्फ़ खाने की चीज़ नहीं — ये एक अहसास है।
• ये वो पल है जब बारिश में भीगते हुए सड़क किनारे से आवाज़ आती है: “अरे कटिंग वाला अमरूद देना!”
• वो हँसी है जो दोस्तों के साथ आधा खाकर बाँटी जाती है।
• और वो रंग है जो हर बाइट में उभरता है — कभी लाल, कभी सफेद, लेकिन हमेशा ताज़गी से भरा।
Guawa और रंगों की लहर
कभी गौर किया है? Guawa में रंग होते हैं — बाहर से हरा, अंदर से गुलाबी या सफेद, और ऊपर से वो नमक-चाट मसाले की परत। जैसे बारिश के बाद इंद्रधनुष। हर स्वाद, हर रंग, एक नई लहर बनकर ज़िंदगी में उतरता है।
Guawa बारिश में सिर्फ़ स्वाद नहीं देता — ये बचपन के मौसम को दोबारा जगा देता है।
वो झूले, वो मामी के घर की दोपहरें, और वो स्कूल से लौटते हुए खरीदी गई टोकरीभर खुशियाँ।
तो अगली बार जब बारिश गिरे...
छाता बंद कर देना, और एक Guawa ले आना।
नमक छिड़कना, आँखें बंद करना, और उस एक बाइट में पूरी ज़िंदगी को महसूस करना।
"Guawa खाओ — रंगों की लहर अपने अंदर बहने दो। क्योंकि असली ज़िंदगी खट्टे-मीठे पलों में ही तो बसती है!
