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बीपी, पाचन और इम्युनिटी के लिए अमृत है फिडलहेड फर्न

इस हरे और अजीब से दिखने वाले सब्ज़ी को "फिडलहेड फ़र्न" (Fiddlehead Fern) कहा जाता है। भारत में इसे अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जैसे:

 

लुंगड़ या लिंगड़ा (उत्तराखंड, हिमाचल)

 

निंगरो (सिक्किम, नेपाल)

 

दह्या या ढेंकिया साग (ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़)

 

थोटाकूरा (आंध्र प्रदेश में)

 

• फिडलहेड फर्न: एक चमत्कारी सब्ज़ी

 

❓ यह क्या है?

फिडलहेड फर्न असल में फर्न पौधे की कोमल, कुंडली जैसी नई पत्तियाँ होती हैं, जो स्प्रिंग सीज़न की शुरुआत में निकलती हैं। ये दिखने में घुमावदार होती हैं और इसलिए इनका नाम "फिडलहेड" पड़ा, जो वायलिन के ऊपरी हिस्से से मिलता-जुलता है।

 

• सेहत के लिए क्यों है वरदान?

1. बीपी (ब्लड प्रेशर) कंट्रोल करती है

फिडलहेड फर्न में पोटैशियम भरपूर मात्रा में होता है, जो ब्लड प्रेशर को संतुलित रखने में मदद करता है।

 

2. पाचन में सुधार

इसमें मौजूद फाइबर पेट को साफ रखने और कब्ज जैसी समस्याओं से बचाने में मदद करता है।

 

3. वजन घटाने में सहायक

लो कैलोरी और हाई फाइबर वाला यह साग वजन घटाने वालों के लिए बहुत फायदेमंद है।

 

4. एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर

यह फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करता है, जिससे स्किन हेल्दी रहती है और एजिंग स्लो होती है।

 

5. विटामिन और मिनरल्स का खज़ाना

फिडलहेड में विटामिन A, C, आयरन, मैग्नीशियम, ओमेगा-3 फैटी एसिड्स आदि प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।

 

 

कैसे खाएं?

हल्का उबालकर सब्ज़ी बनाएं

 

भुजिया या आलू के साथ मिलाकर फ्राई करें

 

अचार या सूप में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है

 

नोट: इसे कच्चा ना खाएं। पकाने से इसमें मौजूद हल्के टॉक्सिन्स खत्म हो जाते हैं।

 

कहाँ पाया जाता है?

यह सब्ज़ी आमतौर पर पहाड़ी और जंगलों वाले इलाकों में पाई जाती है जैसे:

 

उत्तराखंड

 

हिमाचल प्रदेश

 

पूर्वोत्तर राज्य (सिक्किम, असम, नागालैंड)

 

झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़

 

फिडलहेड फर्न एक बेहद हेल्दी, नैचुरल और स्वादिष्ट सब्ज़ी है जो आज भी बहुत कम लोगों को पता है। यह सिर्फ एक पहाड़ी साग नहीं, बल्कि एक प्राकृतिक सुपरफूड

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