माँ-बाप: वो छाँव जो जीवन भर साथ देती है

माँ-बाप का प्यार उस पेड़ जैसा होता है…
जो फल भले ही न मांगे, पर छाया हमेशा देता है।
जब हम किसी शांत बग़ीचे में किसी बड़े छायादार वृक्ष के नीचे बैठते हैं, तो उसकी ठंडी छाँव, उसकी विशालता, और उसकी निःस्वार्थता हमें कुछ पल के लिए सुकून देती है। ठीक वैसे ही माँ-बाप भी होते हैं। वो हमारे जीवन के वो आधार हैं, जो बिना किसी अपेक्षा के, हमें हर सुख-दुख, हर गर्मी-धूप से बचाते हैं।
• निःस्वार्थ प्रेम की सबसे पवित्र मिसाल – माता-पिता
माँ-बाप का प्यार न मोल होता है, न शर्तों से बंधा होता है।
वो तब भी साथ होते हैं जब सारा जहाँ छोड़ देता है,
वो तब भी आँचल फैला देते हैं जब हमें लगता है कि सब खत्म हो गया है।
वे पेड़ की तरह हैं —
जिसे काटा जाए, फिर भी वो अंतिम साँस तक छाया देना नहीं छोड़ता।
जिसकी जड़ें अंदर टूटती रहें, फिर भी तने पर मुस्कान सी हरियाली लहराती रहती है।
• लेकिन आज के समाज में... विसंगतियाँ बढ़ती जा रही हैं।
आज की "प्रैक्टिकल" पीढ़ी के पास समय है मोबाइल के लिए, दोस्तों के लिए, रील्स के लिए...
पर वही समय माँ-बाप की बात सुनने, उनके पास बैठने, उनका हाल पूछने के लिए नहीं है।
• वृद्धाश्रमों की बढ़ती संख्या इस बात का जीता-जागता उदाहरण है कि हम किस ओर जा रहे हैं।
• तकनीक ने हमें करीब तो किया, पर दिलों को दूर कर दिया।
• क्यों भूल जाते हैं हम?
क्या हम भूल गए वो दिन जब बुखार में माँ पूरी रात सिरहाने बैठी रहती थी?
क्या याद नहीं जब पापा ने अपनी जरूरतें छोड़कर हमारी पढ़ाई, करियर, शादी तक के सपने पूरे किए?
हमारा आज, हमारी सफलता, हमारी उड़ान — सब उन्हीं की नींव पर खड़ी है।
और हम उन्हीं नींवों को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं।
• एक छोटा सा प्रयास – बहुत बड़ा बदलाव
• रोज़ कम से कम 10 मिनट माँ-बाप के साथ बिताएं।
• उनके अनुभव सुनें, उनसे सलाह लें – ये वो ज्ञान है जो किसी किताब में नहीं मिलेगा।
• त्योहार, जन्मदिन, या कोई भी छोटा अवसर – उन्हें खास महसूस कराएं।
• क्योंकि…
"माँ-बाप वो जड़ें हैं जो हमें जीवन की ज़मीन से जोड़े रखती हैं।
अगर हम जड़ों से कट जाएँ, तो कितना भी ऊँचा पेड़ बन जाएँ – वो सूख ही जाएगा।"
• अंत में एक विनम्र अपील…
अपने माता-पिता को समय दीजिए।
उन्हें वो मान-सम्मान दीजिए जिसके वे सच्चे अधिकारी हैं।
क्योंकि एक दिन जब वो नहीं रहेंगे, तो सिर्फ यादें बचेंगी… और अफसोस कि हमने उन्हें कितना कम जिया।
क्या आपने आज अपने माँ-बाप से बात की?
नीचे कमेंट में बताइए या उन्हें
