Mise à niveau vers Pro

जिन्हें नींद प्यारी होती है, उन्हें मंज़िल नहीं मिलती

 सपने सिर्फ देखने से नहीं सच होते – उन्हें सच करने के लिए उठो और जंग लड़ो!

हर इंसान के दिल में कुछ सपने होते हैं। कोई बड़ा अफसर बनना चाहता है, कोई अपना बिज़नेस खड़ा करना चाहता है, कोई समाज में बदलाव लाना चाहता है। लेकिन क्या सिर्फ सपने देखने से वो पूरे हो जाते हैं?

 

बिलकुल नहीं।

 

सपने देखना ज़रूरी है – लेकिन उससे कहीं ज़्यादा ज़रूरी है उन सपनों के पीछे पागलपन की हद तक मेहनत करना। अगर आप अपने कम्फर्ट ज़ोन में बैठे रहेंगे, सोचेंगे कि कोई चमत्कार होगा – तो यकीन मानिए, कुछ नहीं बदलेगा।

 

"अगर रास्ते में ठोकरें न मिलें, तो समझ लेना कि आप गलत राह पर हैं।"

 

 

 •• उठो! क्योंकि कोई और तुम्हारे लिए नहीं लड़ेगा।

 

दुनिया में हर दिन लाखों लोग हार मान लेते हैं, क्योंकि वो डरते हैं। डरते हैं असफलता से, ताने सुनने से, मेहनत से। लेकिन जीत सिर्फ उन्हीं की होती है, जो हर सुबह अपने डर से लड़ते हैं, और हर रात अपने सपनों को और बड़ा करते हैं।

 

जो अपनी लड़ाई खुद लड़ते हैं, वही इतिहास बनाते हैं।

 

"तू खुद की खोज में निकल, तू किस लिए हताश है;

  तू चल तेरे वजूद की, समय को भी तलाश है।"

 

 •• जंग आसान नहीं होगी... लेकिन जरूरी है।

 

• तुम थकोगे।

• गिरोगे।

• रोओगे भी शायद।

 

लेकिन अगर तुम उठे, डटे रहे, और हारे बिना चलते रहे – तो तुम्हारे सपनों के आगे खुद किस्मत झुक जाएगी।

 

"जब तक तोड़ेंगे नहीं तब तक छोड़ेंगे नहीं।"

 

"सपने उन्हीं के सच होते हैं, जो उन्हें सच करने की हद तक जागते हैं।"

 

•• याद रखो:

 

“कठिनाइयों से घबराने वाला भीड़ का हिस्सा बनता है, और मुश्किलों से लड़ने वाला इतिहास लिखता है।”

 

"जो अपने कदमों की काबिलियत पर भरोसा रखते हैं, वही अक्सर मंज़िल तक पहुंचते हैं।"

 

•• अब फैसला तुम्हारा है:

 

क्या तुम सिर्फ सपने देखने वाले हो?

या वो योद्धा, जो उन्हें सच करने के लिए जंग लड़ने को तैयार है?

अब उठो, क्योंकि ये जंग सिर्फ तुम्हारी है।

 

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